Kalam se kitab tak "part 2"

 21 April 2022

सुना है नूर है तुम्हारी आंखों में,
मेरी अंधेरी सी ज़िन्दगी में रोशनी भरोगे क्या ?
सुना है सुकून है तुम्हारी बातों में,
मेरी तूफानों सी खामोशी को पनाहे दोगे क्या?

वो कहते है तुम पाक हो एक नायाब पत्थर की तरह ,
मेरी तो हस्ती ही जलील है,
बारिश सी तंडक है तुम्हारी सक्षियत में,
मेरे बेआदब चारित्र की ना कोई दलील है ,

दूर जाओगे अगर ज़िन्दगी से कभी ,
तो इंतज़ार के चंद सिके दे जाना,
स्याही से मुलाकात फिर लिख लूंगी मैं,
बस तुम मिलते वक़्त एक उम्र साथ लना।
There are times when you wanted someone to be there for you,
But then you realises that you don't want that someone to be anyone,
 but you want that someone to be specific someone 

I don't know whether I am making any sense or not but that's the point of whole blog which is ,

My little thoughts and I should say my random little thoughts.



Comments

  1. My poor Hindi. 😭😭Adi chize to upr se nikl gyi .pr h English vala uska Saar h .and it made perfect sense to me like nothing else can explain it in a better way..not just words tune jasbat piron diye h pagi..♥️ proud

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  2. "पाक हो एक नायाब पत्थर की तरह" 🥺🤌kj ♥️ Ohoho..😭🔥

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